Thursday 23 January 2014

सपने में एक सपना....

सुबह सुबह की बात है , 
आँख खुली भी नहीं थी कि नम हो गयी |
आँख का नम होना कुछ नया नहीं था ,
लेकिन इस बार कारण कुछ नया था, अलग था |
इस बार आँसू ख़ुशी के थे , 
कुछ तो अच्छा हुआ होगा ?
जी हाँ, अभी अभी मैंने सपने में एक सपना सच होते देखा है ||
मेरी सोयी आस फिर से जाग गयी है, 
कोशिकाओं में रक्त संचार दुरुस्त हो गया है, 
दिल ख़ुशी से हिलोरे मार रहा है ,
आकांक्षाओं की नदी तेज़ बह रही है , 
बंद आँखों से भी कुछ दिख रहा है ,
उदासीन नींद टूट रही है ,
यथार्थ का यथार्थ से मिलन हो रहा है ,
कुछ तो नया हो रहा है |
अभी अभी मैंने सपने में एक सपना सच होते देखा है ||

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