अगले कुछ ही घंटों में देश की राजधानी दिल्ली के लोग अपनी सरकार का चुनाव करने के लिए मतदान स्थल की ओर कूच करना शुरू कर देंगे| कहने को तो दिल्ली एक बेहद ही छोटा राज्य है मगर पूरे देश के लोग वहां के राजनीतिक हालात पे नज़र बनाये हुए हैं| ये कहना अतिश्योक्ति नहीं होगा के 2015 का दिल्ली विधानसभा चुनाव आज़ाद भारत के सबसे रोमांचक चुनावों में से एक है| कारण साफ़ है इन चुनावों में एक छोटे से कद काठी वाले ‘आम आदमी’ अरविन्द केजरीवाल ने देश की दो सबसे ताकतवर और पुरानी राजनीतिक पार्टियों की जड़ों को हिला दिया है|
कुछ ही महीने पहले जनता का अभूतपूर्व समर्थन लेकर देश की सत्ता में काबिज़
होने वाले नरेन्द्र मोदी की चमक भी अरविन्द केजरीवाल के सामने फीकी पड़ती हुई दिख
रही है| चुनावी सर्वेक्षण भी बता रहे हैं की तीन साल पहले जन्मी ‘आम आदमी पार्टी’
अपने नेता अरविन्द केजरीवाल के नेतृत्व में अगली सरकार बनाने जा रही है| लेकिन जनता
के मिजाज़ को टटोल पाना इतना आसन नहीं है, अभी भी ऊँट किसी भी करवट बैठ सकता है|
दरअसल दिल्ली एक ऐसा शहर है जहां देश के हर राज्य, वर्ग, धर्म, जात का
काफी अच्छे अनुपात में प्रतिनिधित्व है और इसी कारण दिल्ली को ‘लघु भारत’ भी कहा
जाता है| इसी कारण से यहाँ के राजनीतिक हालत बाकी राज्यों से काफी भिन्न हैं| यहाँ
क्षेत्र और धर्मं के नाम पर लामबंदी करना काफी मुश्किल है और शायद इसी वजह से यहाँ
पर मुद्दों के आधार पर चुनाव लड़ने का चलन है|
मुद्दे इस बार भी है और शायद वही हैं जो हर चुनाव में होते है| लेकिन
इस बार हालात थोड़े से भिन्न हैं क्योंकि इस बार सीधी लड़ाई केजरीवाल और मोदी के बीच
है| वैसे तो मोदी देश के प्रधानमंत्री हैं लेकिन दिल्ली चुनाव उनके लिए प्रतिष्ठा
का सवाल बन चुका है| मुकाबला कांग्रेस से होता और हार जाते तो शायद फिर भी पचा
लेते लेकिन 3 साल पहले जन्मी आम आदमी पार्टी से पराजित होना उन्हें भी किसी हालत
में मंजूर नहीं होगा|
दूसरी और आम आदमी पार्टी और अरविन्द केजरीवाल अपनी पुरानी गलतियों से
सबक लेकर जनता का खोया विश्वास वापस जीतते हुए दिख रहे हैं| ज्यादातर राजनीतिक
पंडित भी आम आदमी पार्टी की जीत की भविष्यवाणी कर रहे हैं| अगर आम आदमी पार्टी
दिल्ली का दंगल जीत लेती है तो शायद अरविन्द केजरीवाल आने वाले समय में देश के
महत्त्वपूर्ण नेताओं के श्रेणी में सबसे आगे खड़े नज़र आएँगे| कारण साफ है की दिल्ली
की जीत उन्हें राष्ट्रीय पटल पे एक नयी पहचान दिलाएगी|
मैं (और शायद आप भी) दिल्ली के मतदाता नहीं हैं फिर भी हमारे लिए दिल्ली
विधासभा चुनाव काफी महत्त्वपूर्ण हैं| आज देश में विपक्ष की हालत बहुत कमज़ोर है,
या यूँ कहें की विपक्ष बिलकुल ‘दन्त विहीन’ है| देश की सबसे पुरानी पार्टी
कांग्रेस तो इस लायक भी नहीं बची की संसद में ‘विपक्ष के नेता’ का पद अपने पास रख
सके| दिल्ली की जीत देश को ‘आम आदमी पार्टी’ के रूप में एक मजबूत विपक्ष देगी
क्योंकि ये कांग्रेस के बाद एकमात्र ऐसी पार्टी है जिसकी मौजूदगी शायद देश के हर
कोने में है और इसकी राजनीति बाकी दलों से भी काफी भिन्न है| ‘आप’ की बुनियाद ही
राजनीतिक शुचिता और भ्रष्टाचार मुक्त भारत के सपने को साकार करने के लिए पड़ी है और
इसके नेता अभी तक तो सही दिशा में जाते दिख रहे हैं|
अरविन्द केजरीवाल की लोकप्रियता आज अपने चरम पर है| भले ही वो पिछले
साल बनारस में नरेन्द्र मोदी के खिलाफ चुनाव हार गए हों लेकिन वहां उनको मिले
लाखों वोट इस बात को दर्शातें हैं की देश के बाकी हिस्सों में भी उनकी आवाज़ सुनी जाती
है| मैंने कई बार कुछ तठस्थ लोगों से अरविन्द केजरीवाल पे बात की और मेरे उन निजी
वार्तालापों के आधार पे जो एक राय बनी वो केजरीवाल को ‘नायक’ का दर्जा देने के लिए
काफी है| पहला, लगभग सभी लोग (उनके घोर आलोचक भी) इस बात पे सहमत दिखते हैं की
अरविन्द केजरीवाल इमानदार व्यक्ति हैं| जब भ्रष्टाचार हमारे देश की जड़ों को खोखला
कर रहा हो तब एक इमानदार नेता की मौजूदगी राजनीति में विश्वास पैदा करती है| दूसरा,
अरविन्द केजरीवाल का व्यक्तित्व जो की देश के एक आम आदमी के समकक्ष है| उनका
पहनावा देश के हर आम आदमी को ये विश्वास दिलाता है की ये व्यक्ति हम में से ही कोई
एक है|
सही मायने में दिल्ली चुनाव देश के हर नागरिक के लिए महत्वपूर्ण हैं|
इन चुनावों के नतीजे अगले एक दशक के राजनीतिक भविष्य की बुनियाद रखेंगे| अगर भाजपा
जीतती है तो शायद अगले 10 साल तक मोदी को चुनौती दे पाना किसी के लिए भी
आसान नहीं होगा और अगर आम आदमी पार्टी जीतती है तो शायद ये देश में एक नए राजनीतिक
युग की शुरुआत होगी|
फैसला दिल्ली की जनता को ही करना है या यूँ कहें की देश की राजधानी होने का सही फ़र्ज़ अब दिल्ली को निभाना है| वहां की जनता का हर एक वोट देश की नयी तस्वीर लिखने में सहायक होगा| अगर आम आदमी पार्टी के 49 दिन के पिछले शासन के आधार पे बात की जाए तो अरविन्द केजरीवाल का मुख्यमंत्री बनना दिल्ली में भ्रष्टाचार के खात्मे की गारंटी होगा| और लाजमी है उनकी जनलाभकारी नीतियों का प्रभाव देश की बाकी राज्य सरकारों पे भी पड़ेगा और इसका सबसे ज्यादा फायदा गरीबों को मिलेगा| याद रखिये आप दिल्ली के वोटर हो या नहीं इससे फर्क नहीं पड़ता लेकिन इन चुनावों का नतीजा आपके जीवन को जरुर प्रभावित करेगा|
Good work yatharth bhai
ReplyDeleteThanks Iqubal Bhai :-)
DeleteGood work yatharth bhai
ReplyDeleteउम्दा लेख।
Deleteधन्यवाद् मुकेश जी |
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