आओ नया हिन्दोस्तां बनायें,
हिन्दू ख्वाजा दर जाएँ
मुसलमां गंगा नहायें
दोनों मिल बैठकर गायें
आओ नया हिन्दोस्तां बनायें|
कभी मैं उनके घर खाने जाऊं
कभी वो मेरे जीमण आयें
मिलबांटकर पान खाएं
आओ नया हिन्दोस्तां बनायें|
मैं कुरान की आयतों में रम जाऊं
वो गीता का पाठ पढाये
मिल बैठकर सार समझाएं
आओ नया हिन्दोस्तां बनायें|
मैं दिवाली पे उन्हें बुलाऊं
ईद पे उनके घर जाऊं
दोनों मिलकर होली रंग लगाये
आओ नया हिन्दोस्तां बनायें|
मैं हरा पहन जम जाऊं
उनको भी भगवा पहनाऊं
रंगों का ये भेद मिटायें
आओ नया हिन्दोस्तां बनायें|
मैं गीतों की माला बनाऊं
वो संगीत से उसे सजाएँ
मिलकर दोनों गाना गायें
आओ नया हिन्दोस्तां
बनायें|
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