Saturday 11 March 2017

पांच राज्यों के चुनाव नतीज़ों पर मेरा मत

पांच राज्यों के चुनाव नतीज़ों पर मेरा मत-

उत्तर प्रदेश - 2 महीने पहले, प्रदेश की राजनीति में जाति की उपयोगिता पर एक लेख लिखा था लेकिन प्रदेश की जनता ने मुझे गलत साबित किया| जाति से उठकर, मोदी जी के विकास मॉडल पर अपना भरोसा जताया है| समाजवादी पार्टी को कांग्रेस से और बसपा के मुसलमान उम्मीदवारों से काफी नुकसान हुआ है| भगवा छा गया है, देखते है क्या बदलाव आता है| भाजपा के पास 2 साल हैं क्योंकि 2019 में उत्तर प्रदेश की जनता को मोदी जी को जवाब देना होगा|

पंजाब - अकाली-भाजपा के 10 साल के कुशासन को जनता ने नकार दिया है| बल्कि कैप्टेन अमरिंदर पर भरोसा जताया है, जिससे कांग्रेस को भी संजीवनी बूटी मिल गयी है| सिद्धू पाजी का निर्णय सही साबित हुआ| आम आदमी पार्टी क्यों हारी, इसकी समीक्षा करनी पड़ेगी लेकिन 2 कारण से यह अच्छा हुआ| पहला, आप का घमंड चरम पर था, अब जमीन पर आ जाएंगे| दूसरा, विपक्ष में बैठकर जनता का विश्वास जीत सकते हैं| भगवंत मान जैसों को सर ना चढ़ाये, जो अपने लोकसभा क्षेत्र में एक विधानसभा न जीत पाये, ऐसा नेता किसी काम का नहीं|

उत्तराखंड - बड़े भाई उत्तर प्रदेश के नक्शेकदम चल कर पूरा राज्य भगवा में रंग गया है| कांग्रेस की बड़ी दुर्गति हुई है| हालाँकि, जीती हुई भाजपा में काफी अवसरवादी कांग्रेसी भरे पड़े हैं|

गोवा - मनोहर पर्रिकर को दिल्ली बुलाने से भाजपा को बड़ा नुक्सान हुआ है| कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी जरूर बनकर उभरी है लेकिन बहुमत से दूर है| मोदी जी की कुछ और सभाएं हुई होती तो वहां भी भाजपा जीत सकती थी|

मणिपुर - 15 साल शाषन करने के बाद भी कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बन गयी है लेकिन बहुमत से दूर| लेकिन यहाँ 2 रोचक घटनाएं हुई| भाजपा ने 0 से दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनने का सफर तय किया है| राम माधव और उनकी टीम ने बेहतरीन काम किया है| देखना रोचक होगा किसकी सरकार बनती है| लेकिन इसी के साथ अपना पूरा जीवन मणिपुर को समर्पित करने वाली 'आयरन लेडी' इरोम शर्मिला बुरी तरह चुनाव हार गयी हैं| उनके लिए दुःख महसूस कर रहा हूँ, उनके जज़्बे को सलाम|

और अब एक-एक लाइन कुछ बड़े नेताओं के लिए -

नरेंद्र मोदी - प्रधानमंत्री मोदी आज के समय में अजय हैं। जनता ने इन पर भरोसा जताया है, उम्मीद है वह उसपर खरे उतरेंगे|

अखिलेश यादव - बड़ों का अपमान करके चुनाव नहीं जीते जाते| अपनों को छोड़कर , डूबती नैया की सवारी करने का खामियाजा भुगतना पड़ा|

मायावती - इनका तो अब दलितों ने भी साथ छोड़ दिया| महलों में रहकर गरीबों की राजनीति अब नहीं चल पाएगी|

अरविन्द केजरीवाल - इनको मैं 3 सुझाव दें चाहूंगा। जमीन पर आ जाईये, सुबह शाम मोदी जाप करना बंद कीजिये और दिल्ली में काम करिये।

राहुल गांधी - यह अगर कांग्रेस और देश का भला चाहते हैं तो तुरंत राजनीति से संन्यास ले लें|

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